Important Links
कविताएं |
देश-भक्ति की कविताएं पढ़ें। अंतरजाल पर हिंदी दोहे, कविता, ग़ज़ल, गीत क्षणिकाएं व अन्य हिंदी काव्य पढ़ें। इस पृष्ठ के अंतर्गत विभिन्न हिंदी कवियों का काव्य - कविता, गीत, दोहे, हिंदी ग़ज़ल, क्षणिकाएं, हाइकू व हास्य-काव्य पढ़ें। हिंदी कवियों का काव्य संकलन आपको भेंट! |
Articles Under this Category |
नया सबेरा - बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष |
नए साल का, नया सबेरा, |
more... |
अन्वेषण - रामनरेश त्रिपाठी |
मैं ढूंढता तुझे था, जब कुंज और वन में। |
more... |
जीवन का अधिकार - सुमित्रानंदन पंत | Sumitranandan Pant |
जो है समर्थ, जो शक्तिमान, |
more... |
पहाड़े - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
आपके और मेरे |
more... |
सहेजे हैं शब्द - प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड |
शौकिया जैसे सहेजते हैं लोग |
more... |
कुछ अनुभूतियाँ - डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड |
दूर दूर तक फैला मिला आकाश |
more... |
भारतीय | फीज़ी पर कविता - जोगिन्द्र सिंह कंवल | फीजी |
लम्बे सफर में हम भारतीयों को |
more... |
चलो चलें उस पार - अमरजीत कौर कंवल | फीजी |
चलों चलें उस पार |
more... |
कभी गिरमिट की आई गुलामी - जोगिन्द्र सिंह कंवल | फीजी |
उस समय फीज़ी में तख्तापलट का समय था। फीज़ी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार जोगिन्द्र सिंह कंवल फीज़ी की राजनैतिक दशा और फीज़ी के भविष्य को लेकर चिंतित थे, तभी तो उनकी कलम बोल उठी: |
more... |
उत्प्रवासी - मोहन राणा |
महाद्वीप एक से दूसरे तक ले जाते अपनी भाषा |
more... |
रंगीन पतंगें - अब्बास रज़ा अल्वी | ऑस्ट्रेलिया |
अच्छी लगती थी वो सब रंगीन पतंगे |
more... |
अवसर नहीं मिला - कमला प्रसाद मिश्र | फीजी | Kamla Prasad Mishra |
जो कुछ लिखना चाहा था |
more... |
देश की मिट्टी | कविता - रेखा राजवंशी | ऑस्ट्रेलिया |
बेटी ने |
more... |
गिनती - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
आपको नहीं लगता कि |
more... |
फीजी कितना प्यारा है - सुभाषिनी लता कुमार | फीजी |
प्रशांत महासागर से घिरा |
more... |
हिंदी - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
हिंदी उनकी राजनीति है |
more... |
यथार्थ - रीता कौशल | ऑस्ट्रेलिया |
आँखें बरबस भर आती हैं, |
more... |
अपने अलावा भी | कविता - मोहन राणा |
ना लिखे भी ना सोचे भी |
more... |
अकबर और तुलसीदास - सोहनलाल द्विवेदी | Sohanlal Dwivedi |
अकबर और तुलसीदास, |
more... |
वो था सुभाष, वो था सुभाष - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
वो भी तो ख़ुश रह सकता था |
more... |
अकारण - राजीव वाधवा |
गगन में टूटता तारा |
more... |
कवि और कविता - मौसम कुमरावत |
ज़रूरी नहीं, |
more... |
मनुष्य बनाये रखना - विजय कुमार सिंह |
हम खड़े होंगे कभी भीड़ में कभी हम अकेले |
more... |
दिनेश भारद्वाज की दो रचनाएँ - दिनेश भारद्वाज |
एक विचार |
more... |
काग़ज़ फाड़ दिए - दीपक शर्मा |
सींचे थे खून पसीनों से, |
more... |
बोलो फिर कैसे मुस्काएं - विजय कनौजिया |
जब पलकें हों गीली-गीली |
more... |
मेरे देश की आवाज़ - ज्योति स्वामी "रोशनी" |
आज दिल की अपने बात कहने दे |
more... |
मेरा दिल मोम सा - सुनीता शर्मा |
खिड़की दरवाजे लोहे के बना |
more... |
लिखना बाकी है - हरिहर झा | ऑस्ट्रेलिया | Harihar Jha |
शब्दों के नर्तन से शापित |
more... |