जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
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हिंदी व्यंग्य. Hindi Satire.

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नारदजी को व्यासजी का नमस्कार! - गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas

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