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काव्य |
जब ह्रदय अहं की भावना का परित्याग करके विशुद्ध अनुभूति मात्र रह जाता है, तब वह मुक्त हृदय हो जाता है। हृदय की इस मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द विधान करती आई है उसे काव्य कहते हैं। कविता मनुष्य को स्वार्थ सम्बन्धों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से रागात्मक संबंध जोड़ने में सहायक होती है। काव्य की अनेक परिभाषाएं दी गई हैं। ये परिभाषाएं आधुनिक हिंदी काव्य के लिए भी सही सिद्ध होती हैं। काव्य सिद्ध चित्त को अलौकिक आनंदानुभूति कराता है तो हृदय के तार झंकृत हो उठते हैं। काव्य में सत्यं शिवं सुंदरम् की भावना भी निहित होती है। जिस काव्य में यह सब कुछ पाया जाता है वह उत्तम काव्य माना जाता है। |
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हिंदी पर कवितांएं - भारत-दर्शन संकलन |
इस पृष्ठ पर विभिन्न हिंसी कवियों की हिंदी पर लिखी कविताएं संकलित की गई हैं जिनमें डा० लक्ष्मीमल्ल सिंघवी, श्रीनिवास, डॉ० इंद्रराज बैद 'अधीर', श्रीमती रेवती, सुनीता बहल, बाबू जगन्नाथ, रघुवीर शरण, राकेश पाण्डेय, राजेश चेतन, जयप्रकाश शर्मा और रोहित कुमार हैप्पी की रचनायें सम्मिलित हैं। |
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गोरख पांडे की दो कविताएं - गोरख पांडे |
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आशा का गीत - गोरख पांडे |
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