Important Links
हास्य काव्य |
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)। |
Articles Under this Category |
हज़ल | हास्य ग़ज़ल - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
जा तू भी हँसता-बसता रह, अपनी कारगुज़ारी में |
more... |
जय बोलो बेईमान की | हास्य-कविता - काका हाथरसी | Kaka Hathrasi |
मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार |
more... |
घोटाला - गौरीशंकर मधुकर |
पिछले साल |
more... |
यमराज से मुलाक़ात - मनीष सिंह |
|
more... |
फेसबुक बनाम फेकबुक - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
'फेसबुक' में |
more... |