जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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चंदा मामा  - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' | Ayodhya Singh Upadhyaya Hariaudh

चंदा मामा, दौड़े आओ
दूध कटोरा भरकर लाओ।
उसे प्यार से मुझे पिलाओ
मुझ पर छिड़क चाँदनी जाओ।
...

दो बाल कविताएं  - डॉ वंदना शर्मा

चाँद

मम्मी देखो न
ये चाँद टुकुर-टुकुर तकता है
मुँह से तो कुछ न बोले
पर मन ही मन ये हँसता है
चैन से मुझको सोने नहीं देता
खुद सारी रात चलता है
मम्मी देखो न
ये चाँद टुकुर टुकुर तकता है
...

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