Important Links
हास्य काव्य |
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)। |
Articles Under this Category |
नेता जी की शिकायत - प्रवीण शुक्ला |
एक कवि-सम्मेलन में |
more... |
पिंकी - बाबू लाल सैनी |
एक विरोधी पक्ष के नेता गाँव में पधारे, |
more... |
सोशल मीडिया - अभय गौड़ |
सोशल मीडिया बन गया है एक नया संसार |
more... |