जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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हिन्दी ही अपने देश का गौरव है मान है - डा. राणा प्रताप सिंह गन्नौरी 'राणा'

पश्चिम की सभ्यता को तो अपना रहे हैं हम,
दूर अपनी सभ्यता से मगर जा रहे हैं हम ।
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कहो मत, करो  - श्रीनाथ सिंह

सूरज कहता नहीं किसी से, मैं प्रकाश फैलाता हूँ।
बादल कहता नहीं किसी से, मैं पानी बरसाता हूँ ।।
आँधी कहती नहीं किसी से, मैं आफत ढा देती हूँ।
कोयल कहती नहीं किसी से, मैं अच्छा गा लेती हूँ।।
बातों से न, किन्तु कामों से, होती है सबकी पहचान।
घूरे पर भी नाच दिखा कर, मोर झटक लेता है मान।।
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नकली और असली  - अरुण प्रकाश 'विशारद'

नकली आँखें बीस लगा ले,
अँधा देख न सकता है।
मनों पोथियाँ बगल दबा ले,
मूरख सोच न सकता है ॥
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सबसे बढ़कर - रमापति शुक्ल

आलपीन के सिर होता पर
बाल न होता उसके एक ।
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