उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

भाई दूज

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

भैया दूज

भाई-बहन का यह त्योहार
इसमें छुपा हुआ है प्यार।

इक-दूजे पर करते नाज़
भैया दूज आ गयी आज।

माथे पर चन्दन का टीका
बहन बिना सब होता फीका।

भैया तुझको तिलक लगा दूँ
चन्दा-सूरज तुझे दिला दूँ।

यह रिश्तों की है सौग़ात
याद रहे अम्मा की बात।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश