जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
संस्मरण
संस्मरण - Reminiscence

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मालवीय जी - रोहित कुमार 'हैप्पी'

महामना मालवीय जी को एक विद्वान ने कहा-- "महाराज!  आप मुझे 100 गालियां देकर देख ले,  मुझे क्रोध नहीं आएगा।"
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