भारत-दर्शन::इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका
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हिंदी-हिंदू-हिंद का, जिनकी रग में रक्तसत्ता पाकर हो गए, अँगरेज़ी के भक्तअँगरेज़ी के भक्त, कहाँ तक करें बड़ाई मुँह पर हिंदी-प्रेम, ह्रदय में अँगरेज़ी छाईशुभ चिंतक श्रीमान, राष्ट्रभाषा के सच्चे‘कानवेण्ट' में दाख़िल करा दिए हैं बच्चे
- काका हाथरसी
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