देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।

रोहित कुमार 'हैप्पी' के दोहे

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

रोहित कुमार 'हैप्पी' के दोहों का संकलन।

दोहा, मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में जगण (। ऽ।) नहीं होना चाहिए। सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा होना आवश्यक माना गया है।

 

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