अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

विडम्बना | लघु-कथा

 (कथा-कहानी) 
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रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

मेरे एक मित्र को जब भी अवसर मिलता है अँग्रेज़ी भाषा व अँग्रेज़ी बोलने वालों को आड़े हाथों लेना नहीं भूलते । 

एक दिन कहने लगे, "यार, तुम अपनी राइटिंग (लेखन) में अँग्रेज़ी वर्ड (शब्द) मत यूज़ किया करो। क्या कभी रिडर्स (पाठकों) नें इस बारे में कम्पलेन (शिकायत) नहीं की?

 

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