जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

सोज़े वतन : प्रेमचंद की कहानियां

 (कथा-कहानी) 
Print this  
रचनाकार:

 मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand

‘सोज़े वतन' प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह है। तब वे 'नवाब राय' के नाम से उर्दू में लिखते थे। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ हैं, जो देश-प्रेम और आजादी के दीवानों की शहादत का भावपूर्ण चित्रण करती हैं। ‘सोज़े वतन' की लोकप्रियता से आशंकित हो कर ब्रिटिश सरकार ने इसकी प्रतियाँ जब्त कर ली थीं। इसका प्रकाशन 1908 में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद नवाबराय से वे प्रेमचन्द हो गए।

इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं:

1. दुनिया का सबसे अनमोल रत्न

2. शेख़ मख़मूर

3. यही मेरा वतन है

4. शोक का पुरस्कार

5. सांसारिक प्रेम


पाँचों कहानियाँ उर्दू भाषा में थीं, जिनका बाद में हिंदी अनुवाद उपलब्ध हुआ।

प्रस्तुति : रोहित कुमार 'हैप्पी'

Back
More To Read Under This
दुनिया का सबसे अनमोल रत्न
शेख़ मख़मूर
यही मेरा वतन
शोक का पुरस्कार
सांसारिक प्रेम और देश प्रेम
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश