प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
पवहारी बाबा की कथाएं (कथा-कहानी)    Print this  
Author:स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषणों व लेखन में कई स्थानों पर पवहारी बाबा का उल्लेख किया है। 'पवहारी' यानी पवन का आहार करने वाला। पवहारी बाबा के बारे में प्रसिद्ध था कि वे कुछ आहार नहीं लेते थे। स्वामी विवेकानंद इस विचित्र साधु से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने पवहारी बाबा की जीवनी भी लिखी।

'पवहारी बाबा एक गुफा में रहते थे। गुफा के भीतर दिनों-महीनों तक निरंतर साधना में डूबे रहते थे। इतने लंबे समय में वह क्या खाया करते थे कोई नहीं जानता था। इसलिए लोगों ने उनका नाम रख दिया था पवहारी बाबा। पवहारी शब्द का यहां अर्थ 'पवन का आहार' करने वाला अर्थात् जो केवल मात्र वायु पान करके ही जीवन का निर्वाह करते थे।'

यहाँ 'पवहारी बाबा' से संबंधित स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखी कुछ कथाएं प्रकाशित की गई हैं।

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