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एक बरस बीत गयाझुलसाता जेठ मासशरद चाँदनी उदाससिसकी भरते सावन काअंतर्घट रीत गयाएक बरस बीत गया
सींकचों में सिमटा जगकिंतु विकल प्राण विहगधरती से अंबर तकगूँज मुक्ति गीत गयाएक बरस बीत गया
पथ निहारते नयनगिनते दिन पल छिनलौट कभी आएगामन का जो मीत गयाएक बरस बीत गया
- अटल बिहारी वाजपेयी
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