प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
महानगर पर दोहे  (काव्य)    Print this  
Author:राजगोपाल सिंह

अद्भुत है, अनमोल है, महानगर की भोर
रोज़ जगाता है हमें, कान फोड़ता शोर

अद्भुत है, अनमोल है, महानगर की शाम
लगता है कि अभी-अभी, हुआ युद्ध विश्राम

अद्भुत है अनमोल है, महानगर की रात
दूल्हा थानेदार है, चोरों की बारात

-राजगोपाल सिंह 
(1 जुलाई 1947- 6 अप्रैल 2014 )

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