अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
तीव्रगामी (विविध)    Print this  
Author:भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | Bharatendu Harishchandra

एक शख्स ने किसी से कहा कि अगर मैं झूठ बोलता हूँ तो मेरा झूठ कोई पकड़ क्यों नहीं लेता।

उसने जवाब दिया कि आपके मुँह से झूठ इस कदर जल्द निकलता है कि कोई उसे पकड़ नहीं सकता।

- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

 

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