यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।

बीरबल की पहेलियाँ (विविध)

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Author: भारत-दर्शन संकलन

बीरबल के नाम से भी कुछ पहेलियाँ  प्रसिद्ध है।

1

कर बोलै कर ही सुने, स्रवन सुनै नहि ताहि ।
कहे पहेली बीरबल, सुनिये अकबर साहि ॥

उत्तर: नाड़ी।

 

2

मारो तो वह जी उठे, बिन मारे मर जाय।
कहै पहेली बौरवल, मुर्दा आटा खाय॥

उत्तर: तबला।

 

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