अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

होली | बाल कविता (बाल-साहित्य )

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Author: गुलशन मदान

रंगों का त्योहार है होली
खुशियों की बौछार है होली

लाल गुलाबी पीले देखो
रंग सभी रंगीले देखों

पिचकारी भर-भर ले आते
इक दूजे पर सभी चलाते

होली पर अब ऐसा हाल
हर चेहरे पर आज गुलाल

आओ यारो इसी बहाने
दुश्मन को भी चलो मनाने

-गुलशन मदान

 

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