अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (विविध)

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Author: रोहित कुमार 'हैप्पी'

जीवन परिचय 

डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr Govindappa Venkataswamy) को स्नेह से लोग "डॉ वी" के नाम से पुकारते हैं। डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने लाखों लोगों की शल्य चिकित्सा की हैं और लाखों को आँखों की रोशनी दी है।

पद्मश्री डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी का जन्म 1 अक्तूबर 1918 को तमिलनाडु के किसान परिवार में हुआ था। 7 जुलाई 2006 को मदुरई, तमिलनाडु में आपका देहांत हो गया।

आपने चेन्नई में स्टेनली मेडिकल कॉलेज से अपनी मेडिकल डिग्री प्राप्त की और Dr Govindappa Venkataswamyभारतीय सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गए। इसी समय आपको रूमेटोइड गठिया (rheumatoid arthritis) बीमारी ने आ घेरा व आप शल्य चिकित्सा करने में असमर्थ होने पर आपने नेत्र विज्ञान का अध्ययन आरंभ किया। आप अपने गठिया वाले हाथों के लिए विशेष रूप से निर्मित यंत्रों का उपयोग करने लगे। इन उपकरणों की सहायता से आप एक दिन में 100 मोतियाबिंद की सर्जरी करने में सक्षम हुए। देखते-देखते आप भारत में मोतियाबिंद के लिए सर्वाधिक सफल सर्जन के रूप में विख्यात हो गए। आपने लगभग 25 वर्षों तक आँखों की सर्जरी करने का सराहनीय कार्य किया।

डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी 'अरविंद आँखों के अस्पताल' (Aravind Eye Hospitals) के संस्थापक हैं और इसके अध्यक्ष थे। वर्तमान में 5 अरविंद आँखों के अस्पतालों में 3600 बिस्तर हैं जिनमें हर वर्ष दो लाख से भी अधिक शल्य चिकित्सा होती हैं। यहाँ आने वाले मरीजों मे से 70% को निशुल्क या बहुत कम खर्चे पर आँखों के इलाज़ की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।

1 अक्टूबर 2018 को पद्मश्री डॉ गोविंदप्पा के जन्मदिवस (Dr Govindappa Venkataswamy) के अवसर पर गूगल ने भी डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें याद किया।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

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