अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 

प्रेमचंद की सर्वोत्तम 15 रचनाएं (विविध)

Author: रोहित कुमार 'हैप्पी'

मुंशी प्रेमचंद को उनके समकालीन पत्रकार बनारसीदास चतुर्वेदी ने 1930 में उनकी प्रिय रचनाओं के बारे में प्रश्न किया, "आपकी सर्वोत्तम पन्द्रह गल्पें कौनसी हैं?"

प्रेमचंद ने उत्तर दिया, "इस प्रश्न का जवाद देना कठिन है। २०० से ऊपर गल्पों में कहाँ से चुनूँ, लेकिन स्मृति से काम लेकर लिखता हूँ -

बड़े घर की बेटी
रानी सारधा
नमक का दरोगा
सौत
आभूषण
प्रायश्चित
कामना
मन्दिर और मसजिद
घासवाली
महातीर्थ
सत्याग्रह
लांछन
सती
लैला और
मन्त्र"

प्रस्तुति : रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

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