जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
 

बीरबल की पहेलियाँ (विविध)

Author: भारत-दर्शन संकलन

बीरबल के नाम से भी कुछ पहेलियाँ  प्रसिद्ध है।

1

कर बोलै कर ही सुने, स्रवन सुनै नहि ताहि ।
कहे पहेली बीरबल, सुनिये अकबर साहि ॥

उत्तर: नाड़ी।

 

2

मारो तो वह जी उठे, बिन मारे मर जाय।
कहै पहेली बौरवल, मुर्दा आटा खाय॥

उत्तर: तबला।

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश