यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
 

मोटा लाला (बाल-साहित्य )

Author: नमित कालरा

मोटा लाला, मोटा लाला
आ गए अपना पेट फुला कर
जब देखो तुम खाते रहते
बर्गर, समोसा मज़े ले-ले कर।

खाओ उतना जितनी भूख
छोड़ कर के 'जंक फ़ूड'।
हरी सब्ज़ी और दालों से
सदा रहोगे मस्त और स्वस्थI

-नमित कालरा (कक्षा 4), भारत
 ई-मेल: namitkalra2011@gmail.com

 

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