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गोरख पांडे की दो कविताएं (काव्य) |
Author: गोरख पांडे
तंत्र
राजा बोला रात है,
रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है,
संतरी बोला रात है,
--यह सुबह-सुबह की
बात है।
-गोरख पांडे
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सच्चाई
मेहनत से मिलती है
छिपाई जाती है स्वार्थ से
फिर, मेहनत से मिलती है
-गोरख पांडे