मुस्कुराहट  (काव्य)

Author: डॉ दीपिका

मुस्कुराहट सदैव बनाये रखना,
जब कभी ज़िन्दगी भार लगे,
जीवन में कष्ट अपार लगे,
फिर भी याद रखना,
मुस्कुराहट सदैव बनाये रखना।

जीवन की गाड़ी में उतार-चढ़ाव लगे,
कितना भी हालात बेकार लगे,
दोस्त रिश्तेदार चाहे बेकार लगे,
मुस्कुराहट सदैव बनाये रखना।

इस महंगाई के ज़माने में
चेहरे की मुस्कान ही सस्ती है,
जो कई रोगो को हराती है,
इसलिए मुस्कुराहट सदैव बनाये रखना,
एक मुस्कुराहट चेहरे की,
आसपास का औरा बरकरार रखे,
खुद को और आसपास को खुशहाल रखना हो तो,
मुस्कुराहट सदैव बनाये रखना।

--डॉ दीपिका
  ई-मेल: deep2581@yahoo.com

 

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