प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
म्याऊँ-म्याऊँ  (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:श्रीप्रसाद

म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
क्या खाऊँ, क्या खाऊँ

चूहे बड़े चतुर हैं
भागे इधर-उधर हैं
कैसे उनको पाऊँ
म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ

आज चली जाऊँगी
फिर न कभी आऊँगी
पर किस घर में जाऊँ
म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ

भूख लगी है ऐसी
तुमको लगती जैसी
कैसे तुम्हें बताऊँ
म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ

तुम कुछ अपने घर से
ला दो छींके पर से
अपनी भूख मिटाऊँ
म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ

- श्रीप्रसाद

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