अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
वयोवृद्ध कवयित्री स्नेहमयी चौधरी नहीं रही (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन समाचार

भारत (30 जुलाई): हिन्दी की वयोवृद्ध कवयित्री स्नेहमयी चौधरी का कल रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। स्नेहमयी जी 82 वर्ष की थीं।

Snehmayi Chaudhary

आपका जन्म 9 मई 1935 को मौरावाँ, उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आप जानकीदेवी महाविद्यालय, देहली में रीडर के पद पर रही हैं।

श्रीमती चौधरी हिन्दी के वयोवृद्ध लेखक व हरिवंश राय बच्चन के सहयोगी अजित कुमार की पत्नी थी जिनका इसी 18 जुलाई को निधन हो गया था। सेवानिवृत होने के पश्चात आप स्वतंत्र लेखन कर रही थी।

आपकी साहित्यिक कृतियों में ‘पूरा गलत पाठ', ‘चौतरफा लड़ाई' और ‘हड़कंप' प्रमुख संग्रह हैं।   ‘पहचान', ‘कैद' ‘अपनी ही', ‘औरत', ‘एक इन्टरव्यू', ‘घर' , ‘मेरा अपना कोना', ‘लड़की' आपकी प्रमुख कविताएं है।

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