अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
चार युवा लेखकों को नवलेखन पुरस्कार प्रदान (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन समाचार

भारत, 28 जुलाई 2016: चार युवा लेखकों को वर्ष 2015 के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का 11वां नवलेखन पुरस्कार प्रदान किया गया है।

Navlekhan Awards 2015

अमलेन्दु तिवारी और बलराम कावंट को उनके उपन्यास ‘परित्यक्त' और ‘सारा मोरिला' के लिए सम्मानित किया गया।

ओम नागर और तसनीम खान को क्रमश: ‘निब के चीरे से' और ‘ये मेरे रहनुमा' कृतियों के लिए सम्मानित किया गया।

पुरस्कार पाने वालों का चयन वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार मधुसूदन आनंद के नेतृत्व वाली समिति ने किया है। इस समिति में विष्णु नागर, गोविंद प्रसाद और ओम निश्चल जैसी साहित्यकार सम्मिलित थे।

[ भारत-दर्शन ]

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