अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
फिल्मों में रक्षा-बंधन  (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

'राखी' और 'रक्षा-बंधन' पर अनेक फ़िल्में बनीं और अत्यधिक लोकप्रिय हुई, इनमें से कुछ के गीत तो मानों अमर हो गए। इनकी लोकप्रियता आज दशकों पश्चात् भी बनी हुई है।

बहन-भाई के स्नेह पर सबसे पुरानी और लोकप्रिय फिल्मों में से एक है 1959 में बनी 'छोटी बहन', जिसका गीत, 'भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना' आज तक जनमानस गुनगुनाता है।

सन 1962 की 'राखी' फ़िल्म के निर्माता थे -ए. भीमसिंह, कलाकार थे अशोक कुमार, वहीदा रहमान, प्रदीप कुमार और अमिता । इस फ़िल्म में राजेंद्र कृष्ण ने शीर्षक गीत लिखा था - 'राखी धागों का त्यौहार, बँधा हुआ इक-इक धागे में भाई-बहन का प्यार....' ।

सन् 1971 में प्रदर्शित 'हरे रामा हरे कृष्णा' भी भाई-बहन के प्यार पर आधारित फिल्म थी। इस फ़िल्म का गीत, 'फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है..' किसे याद न होगा!

1974 में प्रदर्शित धर्मेद्र की सुपरहिट फिल्म 'रेशम की डोर' में सुमन कल्याणपुर द्वारा गाया गया यह गाना, 'बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से संसार बाँधा है... ' भी लोकप्रियता की बुलंदियों को छूता हुआ आज तक गाया जाता है।

चंबल की कसम' का 'चंदा रे मेरे भइया से कहना, बहना याद करे' गीत भी आज तक याद किया जाता है।

रक्षा बंधन पर आधारित अन्य लोकप्रिय गीतों में 'अनपढ़' फ़िल्म का लता मंगेश्कर का गाया 'रंग बिरंगी राखी लेकर आई बहना' और 'काजल' का आशा भोंसले का गाया 'मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन' भी सम्मिलित हैं।

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