प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
हमारा गणतंत्र (काव्य)  Click to print this content  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

आज प्रजा की करता यहाँ पूछ कहाँ तंत्र है?
राजनीति धर्महीन मात्र एक षड्यंत्र है!

ग़ैरों की नहीं अपनों की पर ग़ुलामी जारी है,
कहने को भारत हुआ कब का स्वतंत्र है!

काट डालो जीभ उसकी जो भी हो बोलता,
शांति का मूल बचा बस यही यहां मंत्र है!

आदमी को मार देना हो गया आसां अब
खोज डाला विज्ञान ने एक नया यंत्र है!

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

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