प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
झूठ के साए में | ग़ज़ल (काव्य)  Click to print this content  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

झूठ के साए में सच पलते नहीं
हम किसी क़ातिल से हैं डरते नहीं

हर बड़ी इच्छा हैं वो पाले हुए
और कुछ भी हैं कर्म करते नहीं

वक्त ने कुंदन बनाया हो जिसे
वो किसी भी आग से डरते नहीं


वो मसीहा नाम से मशहूर हैं
दुःख ग़रीबों के कभी हरते नहीं


यूँ तो थोड़े बदमिज़ाज हम भी हैं
बेवजह पर हम कभी लड़ते नहीं

          - रोहित कुमार 'हैप्पी'

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश