प्यारे बापू | बाल कविता (काव्य)  Click to print this content  
Author:सियाराम शरण गुप्त

हम सब के थे प्यारे बापू
सारे जग से न्यारे बापू

जगमग-जगमग तारे बापू
भारत के उजियारे बापू

लगते तो थे दुबले बापू
थे ताक़त के पुतले बापू

नहीं कभी डरते थे बापू
जो कहते करते थे बापू

सदा सत्य अपनाते बापू
सबको गले लगाते बापू

हम हैं एक सिखाते बापू
सच्ची राह दिखाते बापू

चरखा खादी लाए बापू
हैं आज़ादी लाए बापू

कभी न हिम्मत हारे बापू
आँखों के थे तारे बापू

-सियाराम शरण गुप्त

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