अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
हिंदी आलोचक डॉ नंदकिशोर नवल का निधन (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन समाचार

हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक डॉ नंदकिशोर नवल का 13 मई की रात निधन हो गया। वह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। 83 वर्षीय डॉ नवल पटना विवि में हिंदी के प्राध्यापक रह चुके हैं। उनकी दर्जनों पुस्तकों में कविता की मुक्ति, हिंदी आलोचना का विकास, शताब्दी की कविताएं, समकालीन काव्य यात्रा, कविता के आर-पार इत्यादि सम्मिलित हैं।

आपने निराला रचनावली और दिनकर रचनावली का संपादन किया था।

डॉ नंदकिशोर नवल का जन्म 2 सितंबर, 1937 को वैशाली जिले के चांदपुरा में हुआ था।

 

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