अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
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Author:भारत-दर्शन

हिंदी एफ.ए.क्यू (FAQ)

 

क्या यह सच है कि भारत-दर्शन इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली हिंदी साहित्यिक पत्रिका थी? 

न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित 'भारत-दर्शन' इंटरनेट पर न केवल पहली हिंदी साहित्यिक पत्रिका थी बल्कि यह इंटरनेट पर विश्व का पहला हिंदी प्रकाशन था। इसके बाद जागरण और वेब दुनिया आए। जागरण इंटरनेट पर हिंदी का पहला समाचारपत्र था और वेब दुनिया पहला हिंदी वेब पोर्टल लेकिन ये सभी भारत-दर्शन के बाद प्रकाशित हुए।

भारत-दर्शन कब से प्रकाशित हो रही है?

भारत-दर्शन 1996 से प्रकाशित हो रही है।

 

इस समय भारत-दर्शन का पाठकवर्ग कितना है?

भारत-दर्शन इंटरनेट पर सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली ऑनलाइन साहित्यिक पत्रिका है। 2018 में औसतन भारत-दर्शन के 10 लाख से भी अधिक पृष्ठ प्रति मास पढ़े गए।

 

वर्तमान में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले साहित्यकार कौनसे हैं?

अभी भी कबीर और प्रेमचंद निर्विवाद रूप से सर्वाधिक लोकप्रिय हैं।

 

हम अपनी रचनाएँ भारत-दर्शन में कैसे भेजें?

आप वेब साइट पर दिए गए लिंक 'Submit Your Work' के माध्यम से रचनाएँ भेज सकते हैं।

 

क्या रचनाओं के लिए भारत-दर्शन 'मानदेय' देता है।

न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित 'भारत-दर्शन' अव्यवसायिक है यथा चाहते हुए भी हम 'मानदेय' की व्यवस्था नहीं कर पाए।

 

'भारत-दर्शन' में प्रकाशित होने का क्या लाभ है?

भारत-दर्शन इंटरनेट पर सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली ऑनलाइन साहित्यिक पत्रिका है। यदि आप इसकी गूगल रेटिंग देखेंगे तो पाएंगे कि यह ऊंचे दर्जे पर है। पत्रिका अपने उच्च स्तर व पठनीय सामग्री के लिए जानी जाती है। इसमें प्रकाशित होते ही आप सरलता से 'गूगल' की सर्च में ढूँढे जा सकेंगे।

 

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