यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
प्रेम जनमेजय और लालित्य ललित को चेतना इंडिया सम्मान (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन समाचार

नई दिल्ली, भारत (30 मई 2019): सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था 'चेतना इंडिया' व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय और व्यंग्यकार डॉ लालित्य ललित को 'चेतना इंडिया सम्मान' से सम्मानित करेगी। संस्था ने अपनी कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णया लिया है। दोनों साहित्यकारों को यह सम्मान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 2 जून 2019 को आयोजित 'कुल्लू व्यंग्य महोत्सव' में प्रदान किया जाएगा।

प्रेम जनमेजय व्यंग्य विधा को पूरी तरह समर्पित सशक्त साहित्यकार हैं। प्रेम जनमेजय 'व्यंग्य यात्रा' नामक पत्रिका निकालते हैं। आप परंपरागत विषयों से हटकर लिखते हैं।

लालित्य ललित वर्तमान में व्यंग्य लेखन में काफी चर्चित नाम हैं।

[भारत-दर्शन समाचार ]

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