यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
प्रजापति कश्यप की दो पत्नियों की कथा  (कथा-कहानी)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

एक बार प्रजापति कश्यप की दो पत्नियों विनता और कद्रू के बीच इस बात पर विवाद हो गया कि सूर्य के अश्व काले हैं या सफेद।

विवाद बढ़ने पर दोनों के बीच तय हुआ कि जो पराजित होगी वह दासी बनेगी। रानी कद्रू ने अपने पुत्र नागराज वासुकि की सहायता से अश्वों के श्वेत रंग को काला कर दिया, जिससे विनता की हार हुई। अंततः विनता ने कद्रू से प्रार्थना की कि वह उसे दासीत्व से मुक्त कर दें। कडू ने पुनः शर्त रखी कि यदि वे नागलोक में रखे अमृत घट को उसे लाकर दे दे तो दासीत्व से मुक्त हो सकती है। विनता ने अपने पुत्र गरूड़ को इस कार्य में लगा दिया। गरूड़ जब अमृत घट लेकर आ रहे थे तो रास्ते में इंद्र ने उन पर आक्रमण कर दिया। संघर्ष के कारण घट से अमृत की कुछ बूंदें छलककर चार अलग-अलग स्थान पर गिरीं और उन्हीं स्थानों पर कुम्भ पर्व होने लगा।

[भारत-दर्शन संकलन]

Previous Page  |  Index Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश