देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
इन्सान (कथा-कहानी)     
Author:अजना अनिल

एक दिन वो नगर के कई लोगों से मिला।

सबने अपने-अपने नाम बताकर परिचय दिया ।

लेकिन उसे बेहद कोफ़्त हुई ।

'कि काश! कोई तो कह देता यार!'

- मैं क्या हूँ? कौन हूँ? क्यों पूछते हो?
हूँ तो सिर्फ इन्सान ही!

- अजना अनिल [साक्षात्कार]

 

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश