परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।
 
वरिष्ठ कवि कुंवर नारायण नहीं रहे (विविध)     
Author:भारत-दर्शन समाचार

नवंबर, 2017 (भारत): ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित 90 वर्षीय हिन्दी के वरिष्ठ कवि कुंवर नारायण का 15 नवंबर की सुबह निधन हो गया। वे चार जुलाई से मस्तिष्काघात के पश्चात कोमा में चले गए थे।  उनका निधन उनके चितरंजन पार्क स्थित घर पर हुआ। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी शव दाहगृह में किया गया।

मूलत: विज्ञान विषय के छात्र रहे कुंवर नारायण ने अंग्रेजी साहित्य से एम. ए. करने के बाद अंग्रेजी में काव्य लेखन आरंभ किया व शीघ्र ही हिन्दी कविता की तरफ आकर्षित हो गए। कविता के अतिरिक्त वे अपनी कहानियों और आलोचनात्मक लेखन के लिए भी जाने जाते हैं। उनके काव्य- संग्रहों में चक्रव्यूह, परिवेश : हम तुम, आत्मजयी, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों, वाजश्रवा के बहाने, हाशिये का गवाह इत्यादि प्रमुख हैं।

 

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश