देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
वो था सुभाष, वो था सुभाष (विविध)     
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

वो भी तो ख़ुश रह सकता था
महलों और चौबारों में।
उसको लेकिन क्या लेना था,
तख्तों-ताज-मीनारों से!
वो था सुभाष, वो था सुभाष!

अपनी माँ बंधन में थी जब,
कैसे वो सुख से रह पाता!
रण-देवी के चरणों में फिर
क्यों ना जाकर शीश चढ़ाता?
अपना सुभाष, अपना सुभाष!

डाल बदन पर मोटी खाकी,
क्यों न दुश्मन से भिड़ जाता!
'जय-हिन्द' का नारा देकर
क्यों न अजर-अमर हो जाता!
नेता सुभाष, नेता सुभाष!

जीवन अपना दाव लगाकर
दुश्मन सारे खूब छिकाकर
कहाँ गया वो, कहाँ गया वो?
जीवन-संगी सब बिसराकर,
तेरा सुभाष, मेरा सुभाष!

मैं तुमको आज़ादी दूंगा
लेकिन उसका मोल भी लूंगा।
खूं बदले आज़ादी दूंगा
बोलो सब तैयार हो क्या?
गरजा सुभाष, बरसा सुभाष!

वो था सुभाष, अपना सुभाष!
नेता सुभाष, बाबू सुभाष!
तेरा सुभाष, मेरा सुभाष!
अपना सुभाष, अपना सुभाष!


- रोहित कुमार 'हैप्पी'

Posted By raghav joshi   on Wednesday, 23-Jan-2019-08:55
 
happy birthday subash charndra bose
 
 
Previous Page  |  Index Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश