जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
 
नेताओं पर हास्य कविताएं | हास्य संग्रह (काव्य)     
Author:भारत-दर्शन संकलन

नेताओं पर हास्य कविताएं -हास्य संग्रह।

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