यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
 
बाबा साहब का चमत्कार (विविध)     
Author:भारत दर्शन संकलन

1956 में भारत में एक महान् चमत्कार देखने को मिला। दलित और पीड़ित जनता के हदय-सम्राट डा. बाबा साहब अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को अशोक विजयादशमी के दिन नागपुर में अपने पाँच लाख साथियों के साथ बौद्धधर्म की दीक्षा ली ।

 

यह दिन भारत के इतिहास में ही नहीं, बौद्ध-संसार के इतिहास में भी सुवर्णाक्षरों में लिखा गया। आज बाबा साहब हमारे बीच नहीं हैं पर उनका बतलाया हुआ सच्चा और सीधा मार्ग हमारे सामने है। बाबा साहब की अभिलाषा पूरी करने की जिम्मेदारी आज समस्त भारत की है।

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