अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 
न्यूजीलैंड के लिए एयर इंडिया की ऐतिहासिक उड़ान  (विविध)     
Author:भारत-दर्शन समाचार

5 जून 2020 (ऑकलैंड, न्यूज़ीलैंड): कोविद -19 महामारी के फैलने के बाद से भारत में फंसे लगभग 200 न्यूजीलैंड नागरिक व निवासी आज घर लौट आए। भारतीय उच्चायोग के द्वितीय सचिव परमजीत सिंह ने स्थानीय मीडिया को यह जानकारी दी।

भारत से यात्रियों को न्यूजीलैंड लेकर आने वाला यह एयर इंडिया का विमान आज सुबह ऑकलैंड एयरपोर्ट पहुँच गया। एयर इंडिया के इस विमान ने 4 जून को ऑकलैंड के लिए नई दिल्ली से उड़ानभरी थी। 

16 घंटे की एयर इंडिया की उड़ान लगभग 11.30 बजे लैंड करने वाली थी, लेकिन यह सुबह लगभग 10 बजे ही ऑकलैंड एयरपोर्ट पर पहुंच गई।

इस उड़ान से न्यूजीलैंड पहुंचने वाले सभी लोग अपने घर जाने से पहले 14 दिनों तक होटल में रखे जाएंगे। इसका प्रबंध न्यूजीलैंड सरकार अपने स्तर पर कर रही है। 

एयर इंडिया का यही विमान 7 जून को भारतीय नागरिकों को भारत लेकर जाएगा। जून मास में ऐसी 5-6 उड़ानों की व्यवस्था की गई है जो भारत में फंसे हुए न्यूजीलैंडर को यहाँ लाएगी और यहाँ फंसे भारतीयों को भारत लेकर जाएगी।

एयर इंडिया विमान का न्यूज़ीलैंड आना एक ऐतिहासिक घटना है चूँकि दशकों से एयर इंडिया न्यूज़ीलैंड के लिए उड़ाने नहीं भरता। हालाँकि न्यूज़ीलैंड-भारत के बीच इस तरह की उड़ानों की मांग पिछले कई वर्षों से निरंतर होती रही है। कुछ समय पूर्व न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी ने न्यूज़ीलैंड व भारत के बीच पुनः उड़ान प्रारम्भ करवाने के प्रयास करने का आश्वासन दिया था।

न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय और व्यापार मंत्रालय ( Ministry of Foreign Affairs & Trade) ने कहा कि न्यूजीलैंड सरकार ने अप्रैल से 700 से अधिक न्यूजीलैंडियों और उनके परिवारों को तीन चार्टर्ड उड़ानों पर भारत से स्वदेश लौटने में मदद की थी।

भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को घर लौटने के लिए छह उड़ानों की व्यवस्था की है। न्यूजीलैंड विदेश मंत्रालय और व्यापार मंत्रालय के अनुसार लगभग 1700 न्यूजीलैंड के नागरिक, स्थायी निवासी और वीजाधारक आने के लिए सीट चाहते थे लेकिन न्यूजीलैंड नागरिकों को प्राथमिकता दी गई है।

[भारत-दर्शन समाचार]

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश