देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर का निधन (विविध)     
Author:भारत-दर्शन समाचार

4 जून 2018 (भारत) : वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर का आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वे 71 साल के थे। निमोनिया से पीड़ित राजकिशोर का एम्स में उपचार हो रहा था।

वे पिछले तीन सप्ताह से एम्स के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती थे। फेफड़ों के संक्रमण के कारण उन्हें सांस लेने में समस्या आ रही थी।

राजकिशोर का जन्म 2 जनवरी 1947 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था । वे सदैव परिवर्तन के पक्षधर रहे और समाज को परिवर्तित होते हुए देखने के इच्छुक थे।

आपने पत्रकारिता के अतिरिक्त साहित्य-सृजन भी किया। वैचारिक लेखन में आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुईं जिनमें 'पत्रकारिता के परिप्रेक्ष्य', 'धर्म', 'सांप्रदायिकता और राजनीति', 'एक अहिंदू का घोषणापत्र', 'जाति कौन तोड़ेगा', 'रोशनी इधर है', 'सोचो तो संभव है', 'स्त्री-पुरुष : कुछ पुनर्विचार', 'स्त्रीत्व का उत्सव', 'गांधी मेरे भीतर', 'गांधी की भूमि से' जैसी पुस्तकें विशेष तौर पर चर्चित रहीं। 'अँधेरे में हँसी', 'राजा का बाजा' पुस्तकों में उनका व्यंग्य लेखन देखा जा सकता है। आपने 'दूसरा शनिवार', 'आज के प्रश्न' पुस्तक श्रृंखला, 'समकालीन पत्रकारिता : मूल्यांकन और मुद्दे' का संपादन किया। आपने 'तुम्हारा सुख', 'सुनंदा की डायरी' उपन्यास लिखे व 'पाप के दिन' आपकाा चर्चित कविता संग्रह है।

आपको लोहिया पुरस्कार, साहित्यकार सम्मान (हिंदी एकादमी, दिल्ली), राजेंद्र माथुर पत्रकारिता पुरस्कार (बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना) इत्यादि सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।

 

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