जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
 

सुशांत सुप्रिय की कविताएं

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 सुशांत सुप्रिय

सुशांत सुप्रिय की कविताएं का संकलन।

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