जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
 

महावीर प्रसाद द्विवेदी की कविताएं

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 महावीर प्रसाद द्विवेदी | Mahavir Prasad Dwivedi

महावीर प्रसाद द्विवेदी की कविताएं

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प्यारा वतन जै जै प्यारे भारत देश तक़दीर और तदबीर
 
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