देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 

तंत्र

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 गोरख पाण्डेय

राजा बोला रात है,
रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है,
संतरी बोला रात है,
--यह सुबह-सुबह की
बात है।

-गोरख पाण्डेय

 

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