अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 

गिनती

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

आपको नहीं लगता कि
गिनती अधूरी है?
'गिनती' में शून्य तो आप
गिनते ही नहीं। 
वैसे 'शून्य' के बिना
'गिनती' गिनती नहीं।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'
  ई-मेल: editor@bharatdarshan.co.nz

 

 

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