जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
 

तूफ़ान में नाव

 (बाल-साहित्य ) 
 
रचनाकार:

 लियो टोल्स्टोय | Leo Tolstoy

कुछ मछुए नाव में जा रहे थे। तूफान आ गया। मछुए डर गये। उन्होंने चप्पू फेंक दिये और भगवान से प्रर्थना करने लगे कि वह उनकी जान बचा दे।

नाव तट से ज्यादा दूर होती हुई नदी में बढ़ी जाती थी। तब एक बुजुर्ग मछुए ने कहा, "चप्पू किसलिये फेंक दिये? भगवान को याद करो, लेकिन नाव को तट की तरफ़ खेते रहो।"

- लियो टॉल्स्टोय

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