देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 

उदयभानु ‘हंस' के हाइकु

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 उदयभानु हंस | Uday Bhanu Hans

युवक जागो!
अपना देश छोड़
यूँ मत भागो!

#

नारी-जीवन --
कभी मिले सिन्दूर
कभी तन्दूर।

#

सब हैरान
क्रिकेट का खेल है 
सोने की खान!

#

गुप्त व्यापार
प्रकट हो जाए तो
है भ्रष्टाचार।

#

तुम स्वतन्त्र
फिल्मी गानों को सुनों
या वेदमन्त्र।

-डॉ. उदयभानु ‘हंस'

Back
 
Post Comment
 
Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश