मुस्लिम शासन में हिंदी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिंदी पर। - चंद्रबली पांडेय।
 

मीरा के पद - Meera Ke Pad

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 मीराबाई | Meerabai

दरद न जाण्यां कोय

हेरी म्हां दरदे दिवाणी म्हारां दरद न जाण्यां कोय।
घायल री गत घाइल जाण्यां, हिवडो अगण संजोय।
जौहर की गत जौहरी जाणै, क्या जाण्यां जिण खोय।
दरद की मार्यां दर दर डोल्यां बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा री प्रभु पीर मिटांगां जब बैद सांवरो होय॥

- मीरा

#

Back
More To Read Under This
अब तो हरि नाम लौ लागी | पद राम रतन धन पायो | मीराबाई के पद हरि बिन कछू न सुहावै | मीरा के पद झूठी जगमग जोति | मीरा के पद अब तो मेरा राम | मीरा के पद म्हारे तो गिरधर गोपाल | मीरा के पद रंग भरी राग | मीरा के पद फागुन के दिन चार | मीरा के पद
Posted By ALOK VERMA   on
GOOD
Posted By sai   on
good
Posted By kashvi   on
Very nice site it gives me every information I required.
 
Post Comment
 
Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश